आज आपको जिस दवा के बारे में बताने जा रहे हैं। आयुर्वेद में इसे एक चमत्कारी औषधि बताया गया है। जिसके प्रतिदिन इस्तेमाल करने से कई तरह की बीमारियों से निजात पायी जा सकती है। इस औषधि को अश्वगंधा के नाम से जानते हैं। अश्वगंधा का 5 दिन सेवन करने से ही शरीर मे रोगप्रतिरोधक झमता बढ़ जाती है।
अश्वगंधा का इस्तेमाल कैसे करें ?
हमारे शरीर में 3 प्रकार के दोष पाए जाते हैं। वात, पित्त और कफ। ऐसे में 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति ताजे दूध के साथ ले, वात प्रकृति वाले शुद्ध तिल के साथ और कफ प्रकृति का व्यक्ति गुनगुने जल के साथ सेवन करें। इससे शारीरिक कमोजरी दूर होती है और सभी रोगों से मुक्ति मिलेगी।
अश्वगंधा का 3 ग्राम रोज सेवन करने से सर्दी-जुखाम, खांसी और एलर्जी में आराम मिलता है तथा इनके होने के चांस कम हो जाते हैं।
अश्वगंधा की जड़ और चिरायता को बराबर भाग में लेकर अच्छी तरह से कूट कर मिला लें। इस चूर्ण को 2-3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करने से शरीर की दुर्बलता खत्म हो जाती है।