यह दवाई अनुभूति है। और कई मरीजों पर इसका प्रयोग भी किया गया है। किडनी स्टोन यानी कि गुर्दे की 1mm से 40-50 mm तक पथरी का इलाज इस दवाई से सम्भव हुआ है।
गुर्दे में पथरी होने के कारण
अनुचित खानपान की वजह से आज लोंगो में ये समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। बाहर का खाना सही मात्रा में पानी न पीना भी गुर्दे में पथरी का कारण बनते है। इसीलिए आज गुर्दे की पथरी का इलाज लेकर आये है।
आपको जो दवाई बताने जा रहे है उससे गुर्दे की पथरी का इलाज पूर्णतः संभव है। दवाई का नाम है पत्थरचट्टा यह पत्थरचट्टा एक जंगली औषधि है लेकिन आजकल इसे लोग अपने बाग बगीचे में लगाने लगे हैं। इसका पौधा जमीन से 1 फीट तक लंबा हो जाता है। चौड़े पत्ते तथा बरसात में समय इसमें फूल भी आते हैं। पत्थरचट्टा दो प्रकार का होता है। एक जिसके पत्ते में कांटे जैसे उभार (रोयें) पाए जाते हैं। दूसरा जिसका पत्ता चिकना होता है। तो मरीज को चिकना बाला पत्थरचट्टा का सेवन कराना चाहिए।
पत्थरचट्टा में सावधानी
पत्थरचट्टा को पत्थर, लोहा तथा अन्य धातु के सम्पर्क से बचाना चाहिए।
पत्थरचट्टा को हमेसा ऐसी लकड़ी पर पीसें जिसमें लोहे की कील न हो।
पत्थरचट्टा को लकड़ी के चाक पर लकड़ी से ही इसे पीसना चाहिए।
पत्थरचट्टा को पीने के लिए चीनी मिट्टी या काँच के बर्तन का उपयोग करें।
पत्थरचट्टा का इस्तेमाल
पत्थरचट्टा के 4-5 पत्तों को पीसकर सुबह खाली पेट मरीज को देना चाहिए।
पत्थरचट्टा का सेवन एक दिन छोड़ कर करना चाहिए।
जिस दिन पत्थरचट्टा को खाएं उस दिन कम से कम 6-8 लीटर पानी पिएं और बार बार पेशाब जाए।
उस दिन 7 घंटे तक कुछ खाएं न
एक टाइम में 5 से 7 खुराकों का ही सेवन करना चाहिए।
पत्थरचट्टा में परहेज
अधिक तला हुआ भोजन
बैगन, अमरूद, पालक, टमाटर, तथा चावल खाने से बचें।
पत्थरचट्टा से दिक्कत
पत्थरचट्टा को खाने के बाद आपका पेट खराब हो सकता है लेकिन उसमें घबराने की बात नहीं है। पत्थरचट्टा पेट साफ करने की भी एक अच्छी औषधि है।
यहाँ बताया गया प्रयोग पूर्णता सत्य है। जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करें जिससे किसी जरूरतमंद की मदत हो सके। धन्यवाद !