भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला लोकतांत्रिक देश है। और इसी लोकतंत्र की वजह से हम अपनी बात पूरी आजादी के साथ कह सकते हैं। ये हम लोंगों के लिए गर्व की बात है जो हमने हिंदुस्तान जैसे महान देश में जन्म लिया। इसके साथ ही हमें उन महान योद्धाओं और वीर शासकों का भी एहसानमंद होना चाहिये, जिन्होंने भारत को एक शक्तिशाली देश के रूप में दुनिया के सामने रखा. आज हम हिंदुस्तान के इतिहास से निकले कुछ शक्तिशाली शासकों और योद्धाओं के बारे में बात करने जा रहे हैं। जिन्होंने हर सदी के युवाओं के लिए एक जीवंत हिंदुस्तान की मिसाल पेश की है।
1. चक्रवर्ती सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य
मौर्य वंश के संस्थापक सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को आज कौन नहीं जानता उन्हें अखंड भारत के प्रथम अहम सम्राट के रूप में भी जाना जाता है। महान रणनीतिकार विष्णुगुप्त चाणक्य उनके गुरू थे। चाणक्य की छत्रछाया में रहकर उन्होंने ख़ुद को एक महान शासक के रूप में विकसित किया। और मात्र 20 वर्ष की उम्र से ही युद्ध का रण जीतना शुरू कर दिया। सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के समय मे भारत विश्व मे एक सशक्त राष्ट्र के रूप में जाना जाता था।
2. चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान
सम्राट अशोक भारत के एक महान शासक और शाक्तिशाली सम्राट के रूप में जाने जाते हैं। सम्राट अशोक महान मौर्य वंश के तीसरे शासक थे, जिन्होंने शुरूआती दौर में ही बड़े बड़े योद्धाओं को अपनी शक्ति का परिचय दिया था। सम्राट अशोक महान के समय मे ही भारत की सीमाएं दूर दूर तक फैली थी। इतना ही नहीं विश्व को शांति का संदेश देने बाले तथागत बुद्ध का मार्ग भी सम्राट अशोक ने ही विदेशों तक फैलाया।
3. छत्रपती शिवाजी महाराज
बचपन से ही हम सभी छत्रपती शिवाजी महाराज के वीरता की कहानी सुनते आये हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के एक महान राजा और रणनीतिकार थे। मराठा साम्राज्य की नींव 1674 में उनके द्वारा ही रखी गई थी। अनेक वर्षों तक मुगलिया सल्तनत में योद्धा की तरह संघर्ष करने के बाद 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक किया गया। उस समय कुछ ब्राह्मणों ने उनके राज्याभिषेक का विरोध भी किया। लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने इन विकट परिस्थितियों का सामना करते हुए स्वर्ण छत्र मस्तक पर धारण किया। जिसके बाद वह प्रजा के लिये छत्रपति शिवाजी महाराज बन गये
4. महाराजा छत्रसाल जू देव
भारतीय इतिहास में महाराजा छत्रसाल एक ऐसे योद्धा हैं जिनके प्रताप से औरंगजेब की नींद हराम हो गई थी। नरहिन्द केसरी की उपाधि से विभूषित बुंदेलखंड के अधिपति महाराजा छत्रसाल मात्र 13 बर्ष की उम्र से ही युद्ध करने लगे थे। उनके प्रहार से दुश्मन कभी नहीं बचा। जिस औरंगजेब ने सम्पूर्ण भारत मे त्राहि मचा रखी थी उसे मारने बाले महाराजा छत्रसाल ही थे। महाराजा छत्रसाल ने अपने जीवन मे 84 युद्ध किये। और वो सभी मे विजयी रहे।
5. महाराणा प्रताप
हम जब भी वीरता की बात करते हैं तो महाराणा प्रताप आंखों के सामने होते हैं। भारत के महान शूर-वीरों में महाराणा प्रताप को कैसे भूल सकते हैं। राजपूतों की शान बढ़ाने वाले महाराणा प्रताप साहसी योद्धाओं में से एक थे। अक़बर से पराजित होने के बाद भी उन्होंने ख़ुद को टूटने नहीं दिया और डट कर लड़ते रहे। इसके बाद महाराणा ने चित्तौड़गढ़ वापस लेकर अपने साम्राज्य की शान बढ़ाई।
6. महाराजा रणजीत सिंह
इतिहास कारों के अनुसार सिख शासन की शुरूआत महाराजा रणजीत सिंह ने ही की थी। महाराजा रणजीत सिंह ने 19 वीं सदी में अपने शासन की शुरुआत की थी उन्होंने खालसा संगठन का नेतृत्व भी किया था। सबसे पहले वो छोटे-छोटे गुटों में बंटे सिखों को एक साथ लाये और मिसलदारों को हरा कर राज्य को बढ़ाना शुरू किया। यही नहीं, उन्होंने अफ़गानियों के खिलाफ़ भी लड़ाई लड़ी थी।
7. राजा कृष्णदेव राय
राजा कृष्णदेव राय भारत के उन राजाओं में से एक थे, जिनकी बुद्धिमताके सब कायल थे। वह अपने दिमाग का इस्तेमाल हथियार की तरह करते थे। वह सिर्फ़ एक शक्तिशाली योद्धा ही नहीं बल्कि विद्वान भी थे। राजा कृष्णदेव राय ने तेलुगु के प्रसिद्ध ग्रंथ ‘अमुक्तमाल्यद’ की रचना भी की थी। उनका मत था कि राज्य को बढ़ाने के लिये प्रजा को ख़ुश रखना बेहद ज़रूरी है। इसलिये वो कोई भी निर्णय काफ़ी शांतिपूर्वक तरीके से लेते थे। मौजूदा हम्पी उन्हीं की देन है।