भगवान श्री कृष्ण का शरीर कैसा था -
भगवान श्रीकृष्ण का शरीर अत्यंत कोमल तथा देखने मे मनोहारी था। पुराणों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण कलारिपट्ट तथा योग विद्या में पारंगत थे। इसीलिए भगवान श्रीकृष्ण को योगिराज भी कहा जाता है। कलारिपट्ट विद्या के कारण ही भगवान श्रीकृष्ण अपनी देह को बदल लेते थे। सामान्य समय मे सुन्दर तथा कोमल दिखने वाला उनका शरीर युद्ध के समय वज्र के समान कठोर और विस्तृत हो जाता था। द्वापरयुग में यही विद्या द्रोपदी तथा कर्ण में भी थी।
कैसा था भगवान श्रीकृष्ण का रंग -
जनश्रुतियों के अनुसार लोग भगवान श्रीकृष्ण की त्वचा का रंग काला तथा श्याम रंग का मानते हैं। लेकिन उनका रंग न तो काला और न ही श्याम रंग था। पुराणों के अनुसार दरअसल उनकी त्वचा का रंग मेघ श्यामल मतलब काले रंग के बादल जिसमें कुछ सफेद और कुछ नीलापन हो उसके समान था। अर्थात काला, नीला और सफेद मिश्रित रंग।
भगवान श्रीकृष्ण के शरीर की गंध -
शरीर की तरह ही भगवान श्रीकृष्ण अपनी गंध भी बदलने में पारंगत थे। वह युद्ध के समय शरीर से अलग अलग गंध निकालते थे। लेकिन उनके शरीर की वास्तविक गंध बहुत ही मनमोहक थी। भगवान श्रीकृष्ण के शरीर से गोपिका चन्दन तथा हल्की हल्की रातरानी की सुगंध आती थी।
भगवान श्रीकृष्ण की उम्र -
पुराणों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण अपनी उम्र के अंतिम तक जवान रहे। न ही उनके शरीर मे किसी भी प्रकार का रोग था और न ही उनका शरीर निर्वल हुआ था। उनके केश सदैव काले ही रहे। शरीर मे कभी भी झुर्रियां नहीं पड़ी। मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण 119 बर्ष तक युवा ही रहे।