गिलोय को संस्कृत में अमृता के नाम से जानते हैं। इसके नित्य सेवन से शरीर निरोग होकर नया हो जाता है। आयुर्वेद में इसके बहुत से उपयोग बताये गए हैं। सामन्यतः गिलोय के बहुत से फायदों के बारे में लोग नहीं जानते।
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कोरोना के समय मे ज्यातर लोंगों को केवल इतना पता चला है कि ये इम्युनिटी बढ़ाने के काम आती है। लेकिन बहुत से लोग अभी भी इसके बहुत से चमत्कारी फायदों के बारे में नहीं जानते।
गिलोय के फायदे -
बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के बुखार के लिए गिलोय चमत्कारी औषधी है। यदि आपको सर्दी, जुखाम-खाँसी, सामान्य बुखार, के साथ पुराना बसा हुआ बुखार, मलेरिया, ड़ेंगू, चिकिनगुनिया के भी लक्षण हैं। तो भी ये औषधि आपको ठीक कर सकती है।
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कैसे बनाएं गिलोय का काढ़ा -
तुलसी की ताजी 5-7 पत्तियां, 2-3 काली मिर्च, गिलोय की 2 हरी लकड़ी उंगली के बराबर लें उसे किसी से थोड़ा कूट लें या फिर चाकू के द्वारा बीच से चीर लें। अब इन सभी को एक गिलास पानी में सामान्य ताप पर उबालें। चूँकि गिलोय बहुत ज्यादा कड़वी होती है। इसलिए आप इसमें थोड़ा गुड़ मिला सकते है। चीनी या मिश्री न मिलाएं। जब पानी आधा रह जाए तो उसे छान के जितना गर्म आप पी सकें उतना गर्म पियें।
सर्दियों के मौसम में आप इसमें थोड़ी सी सौंठ भी मिला सकते हैं।