क्या भगवान बुद्ध की थी अयोध्या, समतलीकरण में मिल रहे हैं प्रमाण Ayodhya me Buddha Math ke Praman. newshank.com

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इस समय अयोध्या Ayodhya के जन्मभूमि परिसर में समतलीकरण का काम चल रहा है। वहां पर खुदाई में प्राप्त अवशेषों से नया विवाद खड़ा हो गया है। खुदाई में प्राप्त पुरावशेष बौद्ध धर्म से जुड़े हुए बताये जा रहे हैं। 


जहाँ एक पक्ष इन अवशेषों को विक्रमादित्य के शाशन काल के समय के बता रहे हैं। वहीं बौद्ध अनुयायियों के कहना है ये अवशेष सम्राट अशोक के शाशनकाल मे निर्मित बौद्ध मठों के हैं। जिस प्रकार के अवशेष वहां प्राप्त हो रहे है वो सभी बौद्ध धर्म से संवंधित बताये जा रहे हैं। 

इस समय ट्विटर पर भी हैशटैग बौद्ध स्थल अयोध्या ट्रेंड कर रहा है। एक यूजर ने ट्वीट कर उस स्थल की निष्पक्ष खुदाई की मांग यूनेस्को से की है। लोंगों का कहना है जिसे लोग शिवलिंग बता रहे हैं, दरसल वह बौद्ध स्तम्भ है। वहीं खालिद अहमद खान जो कि ऑल इंडिया मुश्लिम कॉउन्सिल के महासचिव हैं उन्होंने इन अवशेषों को बौद्ध धर्म का बताया है।


मौर्य वंश के अंत से शुरू हुई कहानी - 


बौद्ध भिक्षु से वार्ता में पता चला कि मौर्य वंश के अंतिम शाशक सम्राट ब्रहद्रथ का सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने अपने ही राजा को धोखे से मारकर उस साम्राज्य पर अधिकार कर लिया था। पुष्यमित्र शुंग ने महान सम्राट अशोक के बनवाये हुए 84, 000 स्तूपों को नष्ट करा दिया था। वह बौद्ध धर्म के खिलाप था। 

कुछ बौद्ध ग्रंथों के अनुसार पुष्यमित्र ने एक बौद्ध भिक्षु के सिर के बदले 100 स्वर्ण मुद्राएं देने का भी आदेश दिया था। जिसके चलते हजारों निर्दोष बौद्ध भिक्षुओं की हत्याएं हुई थी। 
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